दर्द थोड़ा चाहिए था, गीत गाने के लिए,
थोड़े आंसू चाहिए यूँ मुस्कुराने के लिए।।
मेरे दिल के तार को छेड़ा तो तुमने यूँ हुआ,
एक नगमा मिल गया है गुनगुनाने के लिए।।
हिचकियों से वास्ता अब कर ही लो तुम जानेजाँ,
याद करते हैं तुम्हें हम, भूल जाने के लिए।।
बिन तुम्हारे भी हमारी जिंदगी खुशरंग है,
और भी बातें हैं ऐसी, पर बताने के लिए।।
हिज़्र का कारण था जो उसने सिखाया ये सबक़,
गीत लिखता हूँ मैं अब, रोटी कमाने के लिए।।
कुमार प्रशांत
थोड़े आंसू चाहिए यूँ मुस्कुराने के लिए।।
मेरे दिल के तार को छेड़ा तो तुमने यूँ हुआ,
एक नगमा मिल गया है गुनगुनाने के लिए।।
हिचकियों से वास्ता अब कर ही लो तुम जानेजाँ,
याद करते हैं तुम्हें हम, भूल जाने के लिए।।
बिन तुम्हारे भी हमारी जिंदगी खुशरंग है,
और भी बातें हैं ऐसी, पर बताने के लिए।।
हिज़्र का कारण था जो उसने सिखाया ये सबक़,
गीत लिखता हूँ मैं अब, रोटी कमाने के लिए।।
कुमार प्रशांत
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