तो अब इस गाँव से रिश्ता हमारा खत्म होता है
फिर आँखें खोल ली जायें कि सपना खत्म होता है
मुक़द्दस मुस्कुराहट माँ के होंटों पर लरजती है
किसी बच्चे का जब पहला सिपारा खत्म होता है
हवाएँ चुपके-चुपके कान में आ कर ये कहती हैं
परिंदों, उड़ चलो अब आबो-दाना खत्म होता है
बहुत दिन रह लिये दुनिया के सर्कस में तुम ऐ राना
फिर आँखें खोल ली जायें कि सपना खत्म होता है
मुक़द्दस मुस्कुराहट माँ के होंटों पर लरजती है
किसी बच्चे का जब पहला सिपारा खत्म होता है
हवाएँ चुपके-चुपके कान में आ कर ये कहती हैं
परिंदों, उड़ चलो अब आबो-दाना खत्म होता है
बहुत दिन रह लिये दुनिया के सर्कस में तुम ऐ राना
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